मंडी गोबिंदगढ़:
देश भगत विश्वविद्यालय के कृषि और जीवन विज्ञान विभाग के एग्रिम क्लब ने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया। इस अवसर पर विशेषज्ञ बातचीत और विकसित भारत के लिए स्थानीय प्रौद्योगिकियों पर आधारित विज्ञान प्रतियोगिता आयोजित की गई। पीएयू के सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ. एसएस हुंदल ने मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। कार्यक्रम का उद्घाटन डीबीयू चांसलर डॉ. जोरा सिंह और प्रो-चांसलर डॉ. तेजिंदर कौर ने दीप प्रज्जवलित करके किया।
डॉ. एसएस हुंदल ने ने स्वदेशी प्रौद्योगिकी के महत्व पर जोर दिया, इसे स्वदेशी समुदायों द्वारा विकसित उपकरण, तकनीक, शिल्प और प्रणालियों के रूप में संदर्भित किया। उन्होंने विज्ञान को हमारे जीवन में एकीकृत करने, इसकी वस्तुनिष्ठ प्रकृति और सत्यापन की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने अंधविश्वासों के प्रसार पर चिंता व्यक्त की, लोगों से उनका गंभीर मूल्यांकन करने और उनके वैज्ञानिक पहलू को प्राथमिकता से जांचने का आग्रह किया। उन्होंने पारंपरिक स्वदेशी प्रौद्योगिकियों और आधुनिक प्रौद्योगिकियों के बीच अंतर समझाया। इस अवसर पर भारत की स्थानीय तकनीक में उपलब्धियों का भी उल्लेख किया गया, जैसे आईएनएस विक्रांत भारत का पहला स्वदेशी विकसित विमानवाहक पोत और भारत बायोटेक का कोवैक्सिन भारत का पहला विकसित टीका।
इस उत्सव के एक हिस्से के रूप में एक क्विज प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। विभागाध्यक्ष डॉ. एचके सिद्धु ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस अवसर पर डॉ सुरजीत पथेजा, भूपिंदर पाल और संस्थान के अन्य सदस्य मौजूद थे।