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आखिरी बजट में नहीं पूरे किए अपने चुनावी वायदे: कुमारी सैलजा

आंकड़ों की बाजीगिरी के अलावा कुछ भी नहीं प्रदेश के बजट में

पेंशन 5100 रुपये करने का वायदा करने वाली जजपा के मुंह में अब जम गई दही

चंडीगढ़:  अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री, हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं उत्तराखंड की प्रभारी कुमारी सैलजा ने कहा कि सत्ता हासिल करने के लिए जो वायदे भाजपा और जजपा ने किए थे, उन्हें वे अपने आखिरी बजट में भी पूरे नहीं कर पाए हैं। बुजुर्गों, दिव्यांग व विधवा पेंशन 5100 रुपये न होना, इनकी वादाखिलाफी का सबसे बड़ा उदाहरण है। इस बजट में आंकड़ों की बाजीगिरी के अलावा और कुछ भी नहीं है। प्रदेश की जनता इस बजट को भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार का आखिरी बजट बनाने का मन बना चुकी है।

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा के तहत दी जाने वाली पेंशन को 5100 रुपये करने का वायदा करने वाली जजपा के मुंह में अब दही जम गई है। सत्ता की मलाई चाटने से बेदखल न हो जाएं, इसलिए पेंशन को बढ़ाने की पैरवी भी जजपा के नेता नहीं कर पा रहे हैं। वही वजह है कि बुजुर्गों, दिव्यांगों,  विधवाओं आदि की पेंशन मुख्यमंत्री ने बजट में 5100 रुपये करने की घोषणा नहीं की। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बजट में चिरायु-आयुष्मान योजना में लाभार्थी बढ़ाने के लिए उनसे अंशदान के तौर पर आमदनी के मुताबिक 1500 रुपये से 5 हजार सालाना लेकर निजी अस्पतालों में मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने का सिर्फ ढोंग रचा गया है। अभी तक इस योजना के तहत जिस किसी का भी ईलाज किया गया है, उससे कितने ही धक्के खाने पड़े हैं। कितनी ही बार निजी अस्पताल सरकार से भुगतान न होने पर इलाज बंद करने की चेतावनी दे चुके हैं। अगर भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार को इन लोगों के स्वास्थ्य की चिंता होती तो बिना किसी शर्त के चिरायु योजना में इन्हें कवर किया जा सकता था।

कुमारी सैलजा ने कहा कि सबसे बड़ी डिमांड सरकारी बस सेवा का विस्तार करना, बस अड्डों की हालत को सुधारना थी, लेकिन इस दिशा में कोई घोषणा ही नहीं की गई। जबकि, लंबे अरसे से भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार हरियाणा रोडवेज का निजीकरण करने की दिशा में कार्य कर रही है। किलोमीटर स्कीम के तहत परमिट जारी किए गए हैं और फिर से ऐसे रूटों की पहचान कर ली गई है, जिनके लिए परमिट जारी किए जाने हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ने बजट में प्रदेश में कहीं पर भी किसी अंतरराष्ट्रीय या राष्ट्रीय स्तर के इंस्टीट्यूट की स्थापना के लिए कोई प्रावधान ही नहीं किया गया है। न ही किसी अन्य उच्च शिक्षा संस्थान के लिए रुपये का इंतजाम किया गया है। इससे साफ है कि गठबंधन सरकार युवाओं को प्रदेश के अंदर उच्च शिक्षा दिलाने के लिए गंभीर ही नहीं है।

कुमारी सैलजा ने कहा कि यह बजट मुंगेरी लाल के हसीन सपनों की तरह हैं। इससे प्रदेश के एक भी आदमी को सीधे तौर पर कोई राहत पहुंचने वाली नहीं है। आंकड़ों को इतना अधिक घुमा-फिरा कर पेश किया गया कि विधानसभा चुनाव के इस साल में इससे जनता का बरगलाया जा सके। लोगों को इस बजट से काफी उम्मीद थी, जो धरी की धरी रह गई हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बजट में ज्यादातर सरकारी स्कीमों का लाभ पीपीपी में दर्शाई गई आय को आधार बनाकर देने की बात कही है, जबकि यही पीपीपी प्रदेश के लोगों के लिए सिरदर्द बना हुआ है। लाखों लोगों की पेंशन बंद करना और लाखों गरीब परिवारों का राशन बंद किए जाने को प्रदेश के लोग अभी तक नहीं भूले हैं। यह सब पीपीपी के कारण ही किया गया है और गठबंधन सरकार के दावों के बावजूद आज तक इन विसंगतियों को दुरुस्त नहीं किया गया है।

dawn punjab
Author: dawn punjab

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