आम जनता पर भी कहर बरपा रही है सरकार, सब्जी, फल और खाद्य वस्तुओं के दाम हुए दुगने,
अगर 22 फसलों पर एमएसपी बढ़ाई तो किसानों को क्यों नहीं मिल रहा इसका लाभ
चंडीगढ़ : अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री, हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं उत्तराखंड की प्रभारी कुमारी सैलजा ने कहा कि किसान आंदोलन को लेकर अब केंद्र सरकार दावा कर रही है कि फसलों के लागत मूल्योंं में 50 प्रतिशत रिटर्न की गारंटी सुनिश्चित करने के लिए 22 फसलों की एमएसपी बढ़ाई है, अगर ऐसा हुआ है तो किसानों को इसका लाभ क्यों नहीं मिल रहा। किसान जब अपना हक मांगने दिल्ली कूच कर रहा है तो हरियाणा सरकार ने प्रदेश को जंग का मैदान और जेल बनाकर रख दिया है।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता ही सबसे बड़ी ताकत है जो सत्ता की कुर्सी पर बैठा सकती है वह सत्ता से बाहर का रास्ता भी दिखा सकती है।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि एमएसपी की गारंटी देने का वायदा कर मोदी सरकार ने दो साल तक किसानों को गुमराह किए रखा, जब किसान ने अपना हक मांगने के लिए दिल्ली कूच किया तो हरियाणा सरकार ने उन्हें रोकने के लिए सारी ताकत झौंक दी है, स्वयं को किसानों को हितेषी कहने वाली गठबंधन ने प्रदेश को युद्ध का मैदान बनाकर रख दिया है, किसानों के लिए जगह जगह पर जेल बना दी गई है आखिर भाजपा किसानों पर कहर बरपाकर क्या चाहती है।
उन्होंने कहा कि इंटरनेट बंद होने का सबसे ज्यादा खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है, लोगों के कामकाज खासकर आनलाइन व्यापार ठप हो रहा है। व्यावसायिक वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाने से फल, सब्जी और अन्य खाद्य वस्तुओं की कीमतों में कई गुना उछाल आ गया है, आम जनता खासकर गरीब परेशान है। सरकार ने लोगों के सारे लोकतांत्रिक और संवैधानिक अधिकारों पर प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार पूरी तानाशाही पर उतारू हैं।
किसान आंदोलन पर अब केंद्र सरकार की ओर से अपनी सफाई दी जा रही है कि उसने फसलों के लागत मूल्योंं में 50 प्रतिशत रिटर्न की गारंटी सुनिश्चित करने के लिए 22 फसलों की एमएसपी बढ़ाई है, अगर ऐसा हुआ है तो किसानों को इसका लाभ क्यों नहीं मिल रहा।
उन्होंने कहा सरकार दावा करती है कि उसने पिछले 10 सालों में कृषि बजट में पांच गुना वृद्धि की है अगर ऐसा है तो किसानों को उसका लाभ क्यों नहीं मिल रहा। सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से फसल नुकसान का कवर का दायरा बढ़ाने का दावा कर रही है जबकि बीमा कंपनियां किसानों को बर्बाद हुई फसलों को मुआवजा देने से इंकार कर रही है।
प्रदेश में बाढ़, भारी बरसात और ओलावृद्धि से खराब हुई फसलों का मुआवजा तक किसानों को नहीं दिया गया, कभी स्पेशल गिरदावरी करवाने की बात करती है पर यह गिरदावरी आज तक नहीं हुई तो किसानों को मुआवजा कैसे मिलेगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश और केंद्र की सरकार किसानों की शुरू से अनदेखी कर रही है, ऐसे में किसानों को बार बार आंदोलन करना पड़ रहा है। सरकार को किसानों की बात माननी ही होगी।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता ही सबसे बड़ी ताकत है जो सत्ता की कुर्सी पर बैठा सकती है वह सत्ता से बाहर का रास्ता भी दिखा सकती है।