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West Bengal CM Mamata Banerjee writes to PM Narendra Modi on Chief Secretary central deputation | Mamata Banerjee ने PM Modi को लिखा पत्र, मुख्य सचिव के तबादले का आदेश वापस लेने का किया आग्रह

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर  (Mamata Banerjee writes to PM Narendra Modi) राज्य के मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) को दिल्ली बुलाने के आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया है.

ममता बनर्जी ने बताया पूरी तरह से असंवैधानिक फैसला

ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को भेजे पत्र में कहा, ‘पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) को दिल्ली बुलाने के एकतरफा आदेश से स्तब्ध और हैरान हूं. यह एकतरफा आदेश कानून की कसौटी पर खरा नहीं उतरने वाला, ऐतिहासिक रूप से अभूतपूर्व तथा पूरी तरह से असंवैधानिक है.

पुराने आदेश को माना जाए प्रभावी: ममता बनर्जी

ममता बनर्जी ने पत्र में आगे कहा, ‘केंद्र ने राज्य सरकार के साथ विचार-विमर्श के बाद मुख्य सचिव का कार्यकाल एक जून से अगले तीन महीने के लिए बढ़ाने जो आदेश दिया था. उसे ही प्रभावी माना जाए.’ बता दें कि अलपन बंद्योपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) का कार्यकाल आज (31 मई) खत्म हो रहा था, लेकिन कोविड-19 के प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए इन्हें 3 महीने का एक्सटेंशन दिया गया है.

ये भी पढ़ें- ममता बनर्जी और केंद्र फिर आमने-सामने, मुख्य सचिव को रिलीव नहीं कर रही राज्य सरकार

4 दिन में क्या बदल गया: ममता बनर्जी

ममता बनर्जी ने कहा, ‘मुख्य सचिव को 24 मई को कैबिनेट सचिव द्वारा तीन महीने के लिए विस्तार दिया गया था और 28 मई को ‘एकतरफा’ आदेश देकर उन्हें दिल्ली में डीओपीटी को को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया.’ ममता बनर्जी ने सवाल उठाते हुए कहा, ’24 मई से 28 मई के बीच क्या हुआ? यह बात समझ में नहीं आई. आदेश में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति (Central deputation) के किसी विवरण या कारणों का उल्लेख नहीं है.’

बैठक में शुवेंदु अधिकारी के शामिल होने पर जताई आपत्ति

पत्र में ममता बनर्जी ने आगे लिखा, ‘मुझे आशा है कि नवीनतम आदेश (मुख्य सचिव का तबादला दिल्ली करने का) और कलईकुंडा में आपके साथ हुई मेरी मुलाकात का कोई लेना-देना नहीं है. मैं सिर्फ आपसे बात करना चाहती थी. प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के बीच आमतौर पर जिस तरह से बैठक होती है उसी तरह से, लेकिन आपने अपने दल के एक स्थानीय विधायक को भी इस दौरान बुला लिया, जबकि प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री की बैठक में उपस्थित रहने का उनका कोई मतलब नहीं है.’ बता दें कि बैठक में नंदीग्राम से बीजेपी के विधायक शुवेंदु अधिकारी भी इस बैठक में शामिल हुए थे.

 

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Author: DP Bureau

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