Follow us

21/11/2024 4:38 pm

Search
Close this search box.
Home » News in Hindi » मनोरंजन » कश्यप बंधुओं के शानदार लयकारी और मिठास भरे गायन एवं अमिता के खनकते सितार की मधुर धुनों से सराबोर रहा 53वें अखिल भारतीय भास्कर राव सम्मलेन का तीसरा दिन

कश्यप बंधुओं के शानदार लयकारी और मिठास भरे गायन एवं अमिता के खनकते सितार की मधुर धुनों से सराबोर रहा 53वें अखिल भारतीय भास्कर राव सम्मलेन का तीसरा दिन

चंडीगढ़:

प्राचीन कला केन्द्र द्वारा टैगोर थिएटर में आयोजित किये जा रहे 53वें भास्कर राव नृत्य एवं संगीत सम्मेलन के तीसरे दिन केन्द्र की रजिस्ट्रार डॉ.शोभा कौसर एवं सचिव श्री सजल कौसर मौजूद रहे। आज के कार्यक्रम में जहां एक ओर सुप्रसिद्ध शास्त्रीय गायक जोड़ी प्रभाकर एवं दिवाकर कश्यप ने अपने गायन से सबको मंत्रमुग्ध किया वहीं जानी मानी सितार वादिका अमिता दलाल ने सितार की मधुर धुनों से खूब तालियां बटोरी।

डॉ. प्रभाकर कश्यप और डॉ. दिवाकर कश्यप (कश्यप बंधु) ने संगीत की प्रारंभिक शिक्षा अपने माता-पिता पं. रामप्रकाश मिश्रा एवं श्रीमती मीरा मिश्रा जी से कम उम्र में ही प्राप्त की। बाद में दोनों भाइयों को बनारस घराने के दिग्गजों, पद्मभूषण पं. राजन मिश्रा व पं. साजन मिश्रा द्वारा प्रशिक्षित होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। बनारसी गायकी शानदार लयकारी और मिठास से सजी है । कश्यप बंधुओं की गायिकी तीनों सप्तकों में समान सहजता से चलती है। कश्यप बंधु ख़यालों के साथ-साथ ठुमरी, दादरा और भजनों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करने का हुनर रखते हैं।

दूसरी तरफ पिछले 30 वर्षों से संगीत की दुनिया में सितार का मधुर संगीत बिखराती अमिता दलाल प्रसिद्द सितार वादिका मंजू बेन नंदन मेहता की वरिष्ठ शिष्य हैं और साथ ही उन्होंने पद्मभूषण पंडित विश्वमोहन भट्ट जी से भी संगीत की शिक्षा प्राप्त की है। और देश ही नहीं विदेशों में भी अपनी प्रतिभा का दम दिखा चुकी हैं। इन्होने ने अपने सितार का नामकरण अमृतवर्षिणी के नाम से किया है क्योंकि अमिता के लिए सितार के खनकते तार अमृत की बूंदो जैसे हैं जो मन को गहराई तक सुकून देते हैं।

आज के कार्यक्रम की शुरुआत कश्यप बंधुओं के गायन से हुई और उन्होंने ने राग पुरिया कल्याण को चुना।

पारम्परिक आलाप के पश्चात इन्होने विलम्बित एक ताल की बंदिश धरत हु धयान से कार्यक्रम की भक्तिमयी शुरुआत की और इसके उपरांत तीन ताल मध्य लय की बंदिश “पनघटवा कैसे जाऊ ” पेश करके एक खूबसूरत माहौल बना दिया। इसके उपरांत इन्होने एक चंचल ठुमरी ” बंसुरिया अब न बजाओ शाम पेश करके खूब तालियां बटोरी। कश्यप बंधुओं ने कार्यक्रम का खूबसूरत समापन एक बेहद भावपूर्ण भजन “अब कृपा करो श्री राम ” से किया जिसे दर्शकों ने खूब सराहा। इनके साथ तबले दिल्ली के जाने माने तबला वादक पंडित दुर्जय भौमिक ने बखूबी साथ दिया और हारमोनियम की लय प्रख्यात हारमोनियम वादिका पारोमिता मुख़र्जी ने संभाली।

आज की दूसरी प्रस्तुति में अहमदाबाद से आयी सितार वादिका अमिता दलाल ने मंच संभाला और अपनी जादू भरी उँगलियों से सितार की मधुर धुनों से संगीत प्रेमियों को मंत्र मुग्ध कर दिया। इन्होने राग अमृतवर्षिणी में निबद्ध आलाप से शरुआत की और जोड़ झाले से राग की ख़ूबसूरती को मधुर धुनों द्वारा प्रस्तुत किया। इसके उपरांत इन्होने लयकारियों से सजी कुछ खूबीसूरत गतें पेश की। कार्यक्रम के अंत में इन्होने एक जोरदार झाले से समापन किया। कर्नाटकी पद्धति से सजी इस प्रस्तुति में घटम और मृदंगम के सधे हुए साथ ने इस कार्यक्रम को और भी खूबसूरत बना दिया। घटम , मृदंगम और तबले की लड़ंत ने कार्यक्रम को और भी मनोरम बना दिया। इनके साथ तबले पर जाने माने तबला वादक हिमांशु महंत ने संगत की और घटम पर वरुण राजशेखरन तथा मृदंगम पर मनोहर बालाचंद्रन ने खूबसूरती से साथ देकर कार्यक्रम को चार चाँद लगा दिए।

कार्यक्रम के अंत में केन्द्र की रजिस्ट्रार डॉ.शोभा कौसर,एवं सचिव श्री सजल कौसर ने कलाकारों को उतरिया एवं स्मृति चिन्ह देकर कर सम्मानित किया। डॉ.समीरा कौसर ने बखूबी मंच संभाला एवं बताया कि सम्मेलन के चौथे दिन यानि कल श्री राजकुमार मजूमदार का संतूर वादन होगा और विदुषी मीनू ठाकुर एवं उनके समूह द्वारा कुचिपुड़ी नृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी। गी। अचानक विदुषी मंजू मेहता की तबियत ख़राब होने की वजह से वो इस कार्यक्रम में प्रस्तुति नहीं दे पायी

dawn punjab
Author: dawn punjab

Leave a Comment

RELATED LATEST NEWS

Top Headlines

Live Cricket

Rashifal