चंडीगढ़ :
चंडीगढ़ से संबंध रख्नने वाली एक संस्था ने सौर ऊर्जा से फलों और सब्जियों को कई दिनों तक सुरक्षित रखने की तकनीकी विकसित की है । सौर ऊर्जा से चलने वाले छोटे छोटे कोल्ड स्टोरेज किसानों के लिए एक वरदान साबित होंगे
छोटे किसान भी अब आसानी से अपनी फसलों का भंडारण कर सकेंगे।
किसानों को अब अपनी फसल को रखने के लिए लिए बड़े-बड़े कोल्ड स्टोरेज के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे । इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट के सहयोग से वन टच कूलिंग सलूशन चंडीगढ़ के संस्थापक सुनील यादव ने अपनी टेक्निकल टीम के साथ मिल के सोलर एनर्जी से चलने वाले छोटे कोल्ड स्टोरेज का एक मॉडल विकसित किया है। इस मॉडल का इस्तेमाल कर के किसान अपने फल सब्ज़ियों का भंडारण आसानी से कम खर्च पर कर सकेंगे।
आमतौर पर एक कोल्ड स्टोरेज को बनाने में करोड़ों का खर्च होता है, कोल्ड स्टोरेज मालिक भंडारण के लिए अच्छी खासी रकम किसानों से वसूल करते हैं । इसका सीधा असर उन छोटे किसानों पर पड़ता है जो रोज अपनी फसलों को मंडियों में बेचने आते हैं लेकिन आढ़तियों के दबाव और बाज़ार में कीमत सही नही मिलने की वजह से कम दाम पर अपनी फल सब्ज़ियों को बेचने पर मजबूर हो जाते हैं।
इस समस्या को ध्यान में रखते हुए एक ऐसे तकनीक का इज़ाद किया है जो बहुत ही कम ज़मीन पर सोलर ऊर्जा से ऑपरेट की जा सकेगी। इस के लिए किसान अपने खेत के किसी छोटे से हिस्से में एक कमरा तैयार कर उसके छत पर सोलर प्लेट लगा देते हैं। और उस कमरे का फ्रीज़र उस सौर ऊर्जा से कमरे के अंदर रखी फल , सब्ज़ियों को लंबे समय तक ताज़ा रखती हैं।
यादव ने बताया कि इस फार्म सनफ्रीज़ को बनाने में महज दो से तीन लाख का खर्च आता है । इसके लिए किसानों के छोटे छोटे समूह बना कर उन्हें इस सोलर कोल्ड स्टोरेज चेन बनाने के लिए आर्थिक सहयोग के साथ ट्रेनिंग भी दी जाएगी ।
टीम के प्रशिक्षित लोग किसानों को इस फार्म सनफ्रीज़ बनाने के लिए तकनीकी सहायता भी देगी। इस सनफ्रीज़ को ज़मीन के बहुत छोटे से हिस्से में ही तैयार किया जा सकता है और भंडारण की क्षमता के मुताबिक बढ़ाया जा सकता है। फिलहाल जल्द ही ये ट्रायल पूरा कर लिया जाएगा।
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