डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गंगा में बहती लाशों को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, मुझे शवों के फ़ोटो साझा करना अच्छा नहीं लगता। देश-दुनिया फ़ोटो देखकर दुखी है लेकिन जिन्होंने मजबूरी में मृत प्रियजनों को गंगा किनारे छोड़ दिया, उनका दर्द भी समझना होगा- ग़लती उनकी नहीं है। इसकी ज़िम्मेदारी सामूहिक नहीं, सिर्फ़ केंद्र सरकार की है!
मुझे शवों के फ़ोटो साझा करना अच्छा नहीं लगता। देश-दुनिया फ़ोटो देखकर दुखी है लेकिन जिन्होंने मजबूरी में मृत प्रियजनों को गंगा किनारे छोड़ दिया, उनका दर्द भी समझना होगा- ग़लती उनकी नहीं है।
इसकी ज़िम्मेदारी सामूहिक नहीं, सिर्फ़ केंद्र सरकार की है!
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 23, 2021
बता दें कि बिहार और यूपी में गंगा नदी में बहते शव मिले थे। बिहार की ओर से दावा किया जा रहा था कि शव यूपी से आ रहे हैं, वहीं यूपी का दावा था कि शव बिहार से आ रहे हैं। इसके बाद गंगा किनारे की रेत में बड़ी संख्या में दफ़नाए गए शव मिले थे। कुछ शव रेत से बाहर निकल आए थे जिन्हें कुत्ते नोंचकर खा रहे थे। कुछ शव बेहद क्षत-विक्षत अवस्था में मिले क्योंकि रेत में उन्हें ज़्यादा भीतर नहीं गाड़ा गया था।
प्रशासन का कहना है कि कुछ लोग अपनी परंपरा के अनुसार शव दफ़नाते हैं, जबकि स्थानीय लोगों के मुताबिक़, श्मशान घाटों की भीड़ और महँगे अंतिम संस्कार की वजह से लोग शवों को रेत में गाड़कर चले जा रहे हैं। शुक्लागंज घाट पर अपने रिश्तेदार का संस्कार कर लोटे एक शख्स ने कहा कि उनको तो लकड़ी मिल गई, इसलिए उन्होंने अंतिम संस्कार जलाकर किया, लेकिन हकीकत यह है कि लोगों को संस्कार के लिए लकड़ी तक नहीं मिल रही है।
इससे पहले राहुल गांधी ने देश में ब्लैक फंगस के बढ़ रहे मामलों को लेकर सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने आरोप लगाया था कि ‘मोदी सिस्टम के कुशासन’ के कारण कोरोना महामारी के साथ यह बीमारी आई है। राहुल गांधी ने ट्वीट किया था, ‘मोदी सिस्टम के कुशासन के चलते सिर्फ़ भारत में कोरोना के साथ-साथ ब्लैक फ़ंगस महामारी है. टीके की कमी तो है ही, इस नयी महामारी की दवा की भी भारी कमी है।’
