चंडीगढ़:
प्राचीन कला केन्द्र द्वारा आयोजित किए जा रहे अखिल भारतीय भास्कर राव सम्मेलन के पांचवे दिन आज टैगोर थियेटर में सुजाता ग्रुव के शास्त्रीय गायन एवं पंडित राजीब चक्रवर्ती के सरोद वादन ने संगीत प्रेमियों को आनंद का अनुभव करवाया । आज सभागार में बहुत से कला से जुड़े गुणीजन भी उपस्थित थे ।
आज के कलाकारों में सुजाता ग्रुव कुमार संगीतज्ञ परिवार में पली बढ़ी है और इन्होंने अपने पिता संगमेश्वर ग्रुव से संगीत की शिक्षा प्राप्त की । किराना घराने की सुजाता कुमार अपने भाई काविल्या कुमार से भी शिक्षा प्राप्त कर रही है ।
दूसरी ओर जाने माने सरोद वादक डॉ.राजीब चक्रवर्ती न सिर्फ सरोद वादक है बल्कि एक सधे हुए संगीतज्ञ भी है और महीयार घराने के राजीब चक्रवर्ती ने अपने पिता श्री रवि चक्रवर्ती से संगीत की शिक्षा प्राप्त की और लगभग 40 वर्षों से विभिन्न प्रस्तुतियां देश ही नहीं विदेशों में भी दे चुके है ।
इसके उपरांत पंडित राजीब चक्रवर्ती ने मंच संभाला और खनकते सरोद वादन से दर्शकों को अभीभूत किया । राजीब ने राग कौशिक कान्हड़ा में आलाप से कार्यक्रम की सुंदर शुरूआत की । इसके बाद खूबसूरत जोड़ के साथ झपताल में प्रस्तुति पेश की । मधुर स्वर लहरियों से खनकते स्वरों से दर्शकों को जादुई संगीत का अनुभव मिला । द्रुत तीन ताल में जोरदार झाला पेश किया। कार्यक्रम की खूबसूरत समाप्ति इन्होंने एक मधुर बंगाली धुन से की । इनके साथ तबले पर जाने माने तबला वादक उस्ताद अकरम खान ने संगत करके कार्यक्रम को और भी खूबसूरत बना दिया ।
कार्यक्रम के अंत में कलाकारों को उतरीया और मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया ।
केंद्र की डिप्टी रजिस्ट्रार डॉ समीरा कौसर ने बताया कि कल डॉ.समित मलिक का ध्रुपद गायन होगा और पद्म भूषण पंडित विश्वमोहन भट्ट और पंडित सलिल भट्ट मोहन वीणा और सात्विक वीणा की जुगलबंदी पेश करेंगे ।