Follow us

21/11/2024 4:30 pm

Search
Close this search box.
Home » News in Hindi » पंजाब » बेजोड़ कत्थक नृत्य प्रस्तुतियों के साथ 53वें अखिल भारतीय भास्कर राव नृत्य और संगीत सम्मेलन का यादगारी भव्य समापन

बेजोड़ कत्थक नृत्य प्रस्तुतियों के साथ 53वें अखिल भारतीय भास्कर राव नृत्य और संगीत सम्मेलन का यादगारी भव्य समापन

चंडीगढ़:

53वें अखिल भारतीय भास्कर राव नृत्य और संगीत सम्मेलन के समापन दिवस पर प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक जोड़ी रितेश रजनीश मिश्रा (मिश्रा बंधुओं ) और प्रसिद्द कत्थक नर्तकी विधा लाल एवं उनके समूह द्वारा आज यहां टैगोर थिएटर में अपनी अद्वितीय प्रस्तुतियों से दर्शकों को खूबसूरत शाम और मीठी स्वरों से सराबोर कर दिया ।

             इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में गृह सचिव , चंडीगढ़ प्रशासन श्री नितिन कुमार यादव ,आईऐएस पधारे एवं केंद्र के सीनियर वाईस चेयरमैन ,प्रो अरुण ग्रोवर , एसएनए अवार्डी गुरु डॉ. शोभा कौसर और सचिव श्री. सजल कौसर भी इस मौके पर भी उपस्थित थे और इन्होने मुख्य अतिथि को पुष्प , उतरिया , शाल एवं मेमेंटो देकर सम्मानित किया।

            संगीत और लेखन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए दिल्ली से आये पंडित विजय शंकर मिश्रा को पी के के अवार्ड ऑफ़ एक्सीलेंस इन म्यूजिक से सम्मानित किया गया।

             आज के मुख्य कलाकार जोड़ी रितेश मिश्रा और रजनीश मिश्रा ने दिग्गजों, बनारस घराने के ‘सूरज और चंद्रमा’, पद्म भूषण, स्वर्गीय पंडित राजन मिश्रा (पिता) और पं. साजनमिश्रा (चाचा). के मार्गदर्शन में ऐसी उत्कृष्टता हासिल करने के लिए सब कुछ किया है। भारतीय शास्त्रीय संगीत में युगल गायन को एक बहुत ही कठिन कला माना जाता है, क्योंकि इसमें न केवल व्यक्तिगत क्षमता की आवश्यकता होती है, बल्कि एक ही समय में सुधार और सामंजस्य स्थापित करने के लिए बहुत अधिक आत्म-नियंत्रण की आवश्यकता होती है।

कलाकार जोड़ी रितेश मिश्रा और रजनीश मिश्रा

            महान संगीतकारों के परिवार की छठी पीढ़ी को जीवित रखते हुए, कलाकार भाइयों को बहुत ही मनभावन आवाज और संगीत नोट्स के लिए भरपूर प्रशंसा हासिल हुई है भारतीय रागों के समृद्ध ज्ञान से दक्ष इस जोड़ी ने दुनिया भर के सबसे प्रतिष्ठित संगीत समारोहों में प्रदर्शन किया है

             दूसरी ओर विधा लाल जयपुर घराने की प्रसिद्ध गुरु और संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार विजेता श्रीमती गीतांजलि लाल की शिष्या और बहू हैं। विधा कथक के क्षेत्र में एक उभरता हुआ सितारा बनकर उभरी हैं। लेडी श्री राम कॉलेज फॉर वुमेन, नई दिल्ली से स्नातक, विधा , भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) की एक सूचीबद्ध कलाकार और दिल्ली दूरदर्शन की ‘ए’ श्रेणीबद्ध कलाकार हैं। विधा ने भारत और विदेशों में अपने शानदार एकल प्रदर्शन के लिए मीडिया और पारखी लोगों से काफी प्रशंसा अर्जित की है। उनके उल्लेखनीय प्रदर्शन के लिए उन्हें कई पुरस्कार मिले हैं उन्होंने न केवल पूरे भारत में बल्कि विदेशों में भी कई देशों में प्रदर्शन किया है

                 आज के कार्यक्रम की शुरुआत रितेश रजनीश के गायन से हुई जिस में पारम्परिक आलाप के बाद इन्होने राग मारु बिहाग में विलम्बित लाया से सजी बंदिश पईआं तोरी लागी रहूं जिस में सुर ताल लय का खूबसूरत सामंजस्य और बेहतीन जुगलबंदी देखने को मिली।

                  इसके उपरांत द्रुत लय तीन ताल में एक और खनकती बंदिश रात के अलसाये पियरवा पेश करके खूब तालिया बटोरी इसके बाद अपनी लयकारी और गामक भरी आवाज़ों से भरपूर इस जोड़ी ने एक और बंदिश सगन बन बोली रे कोयलिया पेश करके इस जोड़ी को दर्शकों का खूब प्यार मिला।

                    इन्होने कार्यक्रम का समापन पर होली के अवसर पर रंगीली बंदिश मोरी चुनरी रंग डारी देखो श्याम से किया और इन्होने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया । इनके साथ वरिष्ठ हारमोनियम वादक पंडित धर्मनाथ मिश्रा एवं तबले पर श्री प्रदीप सरकर ने बखूबी संगत की।

               इस शानदार प्रस्तुति के बाद विदुषी विधा लाल एवं उनके समूह ने मंच संभाला और खूबसूरत कत्थक प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया इन्होने माँ दुर्गा के बीज मंत्र ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे से भक्तिमयी शुरुआत की जिसमें इन्होने तीन स्त्री शक्तियों का खूबसूरत वर्णन नृत्य म के माध्यम से प्रस्तुत किया। गुरु गीतांजलि लाल द्वारा रचित इस प्रस्तुति की कोरिओग्राफी विधा लाल द्वारा की गयी ।

विदुषी विधा लाल एवं उनके समूह 53वे भास्कर राव सम्मेलन के दौरान

                    दूसरी प्रस्तुति उल्लास थी जसि में भाव पक्ष पर आधारित अलबेला साजन आयो रचना में राधा कृष्ण प्रेम गाथा का सुंदर चित्रण नृत्य के माध्यम से किया गया जिसे दर्शक अभिभूत हुए बिना नहीं रह सके।

विदुषी विधा लाल एवं उनके समूह की प्रस्तुति

                     इसके उपरांत विधा लाल द्वारा एकल प्रस्तुति में होरी धमार पेश किया गया जिस में राधा कृष्ण की होली का खूबसूरत एवं मनोरम प्रस्तुतीकरण प्रशंसनीय है। विधा के नृत्य में खूबसूरत भाव एवं प्रस्तुतीकरण का सुन्दर समावेश दिखाई देता है।
              

विदुषी विधा लाल

                       इन्होने होली के त्यौहार पर आधारित रचना से कार्यक्रम का समापन किया जिस में आज रंग है जोकि एक सुन्दर सूफी रचना है को प्रस्तुत किया गया। उनके समूह द्वारा इस प्रस्तुति में शानदार प्रदर्शन किया गया जिसे दर्शकों की भरपूर तालियां मिली। इस समूह में मुस्कान , स्तुति पांडेय , निधि कक्कर एवं अनामिका मंडल ने भाग लिया। विधा के नृत्य समूह को खूबसूरत संगत से सजाया श्री हिरेन चाते ने तबले पर , श्री सलमान वारसी ने पखावज पर , श्री सुहेब हसन ने गायन पर तथा श्री आमिर खान ने सारंगी पर बखूबी साथ देकर कार्यक्रम को चार चाँद लगा दिए।

                    शाम के विशिष्ट अतिथियों ने कलाकारों को सम्मानित किया। सचिव श्री सजल कौसर ने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए मीडिया, दर्शकों, कलाकारों और उनकी टीम का आभार व्यक्त किया। इस के साथ ही इस वर्ष इस विराट उत्सव उत्सव का भव्य समापन हो गया और इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए आयोजकों को हार्दिक बधाई


dawn punjab
Author: dawn punjab

Leave a Comment

RELATED LATEST NEWS

Top Headlines

Live Cricket

Rashifal