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Koo growing dominance over Twitter Congress CM Ashok Gehlot also created his account | Twitter को झटके के बीच Koo का बढ़ता दबदबा, कांग्रेसी CM अशोक गहलोत ने भी बनाया अकाउंट

नई दिल्ली: भारत सरकार और माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर (Twitter) के बीच तनातनी का फायदा स्वदेशी माइक्रोब्लॉगिंग साइट Koo को डायरेक्ट हो रहा है. कई बड़े नेताओं के बाद अब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी Koo App पर अपना ऑफिशियल अकाउंट बना लिया है. अब आम लोग Koo App पर भी @gehlotashok के जरिए मुख्यमंत्री से जुड़ सकते हैं. बताते चलें कि Koo App हिंदी भाषी लोगों का माइक्रो-ब्लॉगिंग ऐप है.

ट्विटर से क्यों बेहतर है Koo

Koo App के फीचर्स ट्विटर जैसे ही हैं लेकिन यह प्राइवेसी के लिहाज से बेहतर है क्योंकि यह कॉल रजिस्टर का एक्सेस नहीं मांगता. जबकि ट्विटर ऐप कॉल रजिस्टर का ऐक्सेस भी मांगता है और यूजर्स का डेटा भी रजिस्टर करता है. Koo App ट्विटर के लिए बड़ा खतरा है क्योंकि अगर स्वदेशी ऐप पर लोग चले जाते हैं तो उसका सीधा-सीधा नुकसान ट्विटर को होगा.

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Koo App भारत में ही तैयार एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है. देश के ज्यादातर मुख्यमंत्री इस प्लेटफॉर्म के जरिए आम लोगों से जुड़ रहे हैं. अब तक 60 लाख से ज्यादा यूजर्स ऐप से जुड़ चुके हैं. आप गूगल प्ले स्टोर के जरिए इस ऐप को डाउनलोड कर सकते हैं.

कौन है Koo App के पीछे

बता दें कि Koo ऐप के संस्थापक अप्रमेय राधाकृष्णा और मयंक बिदवतका हैं. राधाकृष्ण ने इससे पहले ऑनलाइन कैब बुकिंग सर्विस TaxiForSure की भी शुरुआत की थी. हालांकि बाद में ओला कैब ने इसे खरीद लिया था. Koo ऐप की पेरेंट कंपनी Bombinate Technologies Pvt Ltd. है. इस ऐप की शुरुआत 2020 में हुई थी.

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गौरतलब है कि सरकार के आत्मनिर्भर ऐप इनोवेशन चैलेंज में जीत के बाद यह ऐप चर्चा में आई. पीएम मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में भी इस ऐप की चर्चा की थी.

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Author: DP Bureau

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