पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ के उर्दू विभाग ने ‘ईद नौरोज़ समारोह‘ का आयोजन किया
चंडीगढ़ : उर्दू विभाग, पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़,में विभाग के छात्रों ने ईरान के प्रसिद्ध त्योहार ईद नौरोज़ के अवसर पर शानदार शायरी के साथ एक-दूसरे को बधाई दी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. अली अब्बास ने अपने भाषण में विभिन्न देशों की संस्कृतियों के महत्व पर चर्चा की और कहा कि भारत एक ऐसा गुलदस्ता है जिसमें न केवल भारत के विभिन्न क्षेत्रों की संस्कृतियाँ मौजूद हैं, बल्कि विश्व के विभिन्न देशों और क्षेत्रों की संस्कृतियाँ भी इस के श्रृंगार को बढ़ाती हैं। डॉ. अब्बास ने आगे कहा कि हालांकि ‘ईद नौरोज़‘ ईरान का राष्ट्रीय त्योहार है, लेकिन भारत में भी इसे बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। ये प्रकृति के करीब जाने का एक महत्वपूर्ण साधन भी हैं।
फारसी विभाग के शिक्षक डॉ. जुल्फिकार अली ने नौरोज़ के महत्व पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए मेज पर रखी विभिन्न खाने पीने की चीजों के बारे में बताया ,उन्हों ने कहा कि ईद नौरोज़ किसी धर्म का विशेष त्योहार नहीं है बल्कि इसकी शुरुआत हुई है ईरान के राजा जमशेद के समय से। उन्होंने आगे कहा कि इस ईद को आम तौर पर पारसी लोगों की ईद कहा जाता है, लेकिन आज यह ईद धर्म और क्षेत्र से परे हर उस जगह मनाई जाती है, जहां फारसी भाषा बोलने वाले पाए जाते हैं, अब यह त्योहार राष्ट्र और धर्म से परे और प्रकृति तक पहुंच गया है। डॉ. जुल्फिकार ने आगे कहा कि इस ईद का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा सुफर ए हफ़्त सीन है, जिसमें सीन से बोले जाने वाले सात खाद्य पदार्थ मेज पर रखे जाते हैं, चिकित्सा विज्ञान के अनुसार, प्रत्येक की अपनी विशेषताएं होती है जो मानव जीवन के लिए उपयोगी होती है।
कार्यक्रम को सफल बनाने में कविता और भाषण देने वालों में सुदीप सिंह, काकुल, रिसर्च स्कॉलर जाहिद अहमद, रमणीक, परवीन, भरपूर सिंह, मिशा, मनस्वी, अर्श दीप सिंह, हरवीर कौर, मित्तल, बशीर शामिल हैं। बशीर अहमद, डॉ. चीमा और जीतेन्द्र परवाज़ शामिल थे।
कार्यक्रम का आयोजन विभाग के शोधार्थी मुहम्मद सुल्तान द्वारा किया गया।
इस अवसर पर विभाग के विद्यार्थियों के अलावा विश्वविद्यालय के अन्य विभागों के विद्यार्थी भी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। अंत में विभाग के शोधार्थी खलीकुर रहमान ने प्रतिभागियों का धन्यवाद किया ।