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प्राचीन कला केंद्र की मासिक कड़ी परंपरा में कत्थक नृत्य की मनमोहक प्रस्तुतियों ने जीता दर्शकों का दिल



प्राचीन कला केंद्र द्वारा हर माह आयोजित की जाने वाली मासिक लड़ी परंपरा में  केंद्र  में  नृत्य की शिक्षा प्राप्त कर रहे  कलाकारों द्वारा  आज यहाँ केंद्र के एम एल कौसर सभागार में  एक विशेष नृत्य संध्या का आयोजन सायं 6:00 बजे से किया गया।   जिस में   गुरु योगेश शर्मा के निर्देशन में  नृत्य  की शिक्षा प्राप्त कर रहे  शिष्यों द्वारा कत्थक नृत्य की  विभिन्न  प्रस्तुतियां पेश की गयीं।  इस कार्यक्रम में लगभग 45 बच्चों के भाग लिया। 

प्राचीन कला केंद्र  ने इस मासिक कार्यक्रम की शुरुआत  बच्चों के बहुपक्षीय विकास , मंच प्रदर्शन और  व्यक्तित्व  को  निखारने और  एक नयी दिशा में  विकसित करने हेतु  शुरू किया गया था ।  आज के कार्यक्रम में  कलाकारों ने खूबसूरत प्रस्तुतियां पेश करके दर्शकों  की तालियां बटोरी।

आज के कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना जिस के बोल थे “गणेश लम्बोदराय एकदन्ताय   से हुई  जिस में  7 बच्चों  मधुमिता , मान्या  , मोदिता , नानकी , रूबी , सोनिका और सोनाली ने भाग लिया। जिस में  उन्होंने कत्थक नृत्य  के माध्यम से  प्रस्तुति पेश की।

इस के बाद कत्थक नृत्य में निबद्ध विष्णु वंदना  “शांताकारम भुजगशयनम ”  में अनादिका , तमन्ना , वृद्धि , आशी, अनाहिता , निष्ठा  एवं हिमाद्रि द्वारा पेश की गयी।   

इसके बाद  बड़े बच्चों द्वारा  दुर्गा स्तुति “सदा भवानी ” पेश की गयी  जिस में प्रणवीर , प्रियं , आर्या , मन्नत , प्राची , अनन्या  , मायरा , अदिति , सोनम , मान्या , सायरा  , वान्या , अवंतिका  ने खूबसूरत नृत्य पेश करके  तालियां बटोरी। 

इसके उपरांत बच्चों द्वारा कृष्ण भजन पेश किया गया  जिसके बोल थे “नैन बसे ब्रिज श्याम रे ” और इस में बच्चों ने  मनीषा , कीर्ति , भव्या  , तमन्ना ,श्वेता , वृद्धि  और प्रेरणा ने भाग लिया। 

कार्यक्रम  के अंत में  बच्चों द्वारा  ताल चक्कर पेश किया गया  जिस में  वर्षा , द्रव्या , गुवातिक़ा, आनया , तोशनी, ऐशनी और लक्ष्य ने प्रस्तुति पेश की।

आज के कार्यक्रम में हारमोनियम और पडंत पर गुरु योगेश शर्मा ,  गायन पर  उन्नति शर्मा , तबले पर अक्षय शर्मा और भास्कर , सारंगी पर राजेश कुमार , पडंत पर लक्ष्य शर्मा  ने बखूबी संगत की। 

केंद्र के  इस प्रयास से विद्यार्थी  न केवल मंच  प्रदर्शन करके अपनी कला को आत्मविश्वास के साथ बखूबी प्रस्तुत कर रहे हैं बल्कि  भारत  के प्राचीन सांस्कृतिक विरासत को समृद्धि दिलाने में भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित करके केंद्र की भूमिका अहम है।

dawn punjab
Author: dawn punjab

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