मेसर्स जनता लैंड प्रमोटर्स लिमिटेड के प्रोजेक्ट ‘‘सुपर मेगा मिक्स्ड यूज़ इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल पार्क’’ सेक्टर 82-83 और 66-ए एसएएस नगर, मोहाली और गैलेक्सी हाइट्स द्वारा पर्यावरण नियमों का उल्लंघन
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार
पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के तहत मामले का संज्ञान लेने का दिया प्रस्ताव
चंडीगढ़ :
पंजाब के राज्यपाल और प्रशासक यूटी चंडीगढ़, श्री बनवारी लाल पुरोहित ने पंजाब के मुख्यमंत्री को लिखे एक पत्र में बताया है कि मेसर्स जनता लैंड प्रमोटर्स लिमिटेड का प्रोजेक्ट ‘‘सुपर मेगा मिक्स्ड यूज़ इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल पार्क’’ सेक्टर 82-83 और 66-ए एसएएस नगर, मोहाली और गैलेक्सी हाइट्स पर्यावरण विनियम का उल्लंघन है, जैसा कि भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा पाया गया है।
इस पत्र में संबंधित केन्द्रीय मंत्रालय से प्राप्त स्पष्टीकरण (पत्र संख्या डब्ल्युएल-6/134/2023-डब्ल्युएल दिनांक 23 अक्टूबर, 2023 के माध्यम से) को साझा करते हुए बताया गया है कि “प्रोजेक्ट 16-12-2015 (पर्यावरण मंजूरी मिलने की तिथि) से 10-01-2017 (ईएसजेड सीमा अधिसूचना) तक उल्लंघन अधीन था। इसलिए, पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के तहत मामले का संज्ञान लिया जाना आवश्यक है’’।
भारत सरकार से प्राप्त स्पष्टीकरण के आलोक में पंजाब के राज्यपाल और प्रशासक यूटी चंडीगढ़ ने सलाह दी है कि सिविक अथॉरिटीज, पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और पंजाब के एस.ई.आई.ए.ए. को अवैध निर्माण में शामिल इन वन्यजीव मानदंडों के उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए कहा जाना चाहिए। साथ ही इस मामले पर रिपोर्ट भी मांगी गई है।
बता दें कि पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने सेक्टर 82-83 और 66ए, एसएएस नगर, मोहाली में मेसर्स जनता लैंड प्रमोटर्स लिमिटेड के ‘‘सुपर मेगा मिक्स्ड यूज़ इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल पार्क’’ और गैलेक्सी हाइट्स के प्रस्तावित प्रोजेक्ट जो सुखना वाईल्डलाईफ सैंक्यूएरी से 13.06 किलोमीटर की दूरी पर और सिटी बर्ड सैंक्यूएरी की सीमा से 8.40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, के निर्माण के संबंध में राज्य सरकार द्वारा केन्द्र से मांगे गए स्पष्टीकरण में पाया है कि ‘‘भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ‘गोवा फाउंडेशन बनाम भारत सरकार व अन्य’ के केस नंबर डब्ल्यू.पी. (सी) 460 ऑफ 2004 में दिए गए आदेश दिनांक 4 दिसंबर 2006 और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों अनुसार किसी भी गतिविधि या परियोजना के लिए पर्यावरणीय मंजूरी (ईसी) आवश्यक होती है और अंतिम रूप से अधिसूचित इको-सेंसिटिव जोन (ईएसजेड) के भीतर या डिफ़ॉल्ट ई.एस.जेड. के 10 किलोमीटर के भीतर (जहां ईएसजेड को अंतिम रूप से अधिसूचित नहीं किया गया है) के लिए राष्ट्रीय वन्य जीवन बोर्ड (एससीएनबीडब्ल्यूएल) की स्थायी समिति की सिफारिशों की आवश्यकता होती है।
इस मामले में मेसर्स जनता लैंड प्रमोटर्स लिमिटेड ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के दिशानिर्देश अनुसार एससीएनबीडब्ल्यूएल से आवश्यक मंजूरी प्राप्त किए बिना ही ‘‘सुपर मेगा मिक्स्ड यूज़ इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल पार्क’’ का निर्माण शुरू कर दिया।
इसके अलावा, यह परियोजना 16 दिसंबर 2015 (पर्यावरण मंजूरी देने की तारीख) से 10 जनवरी 2017 तक, जब इको-सेंसिटिव जोन (ईएसजेड) की सीमा आधिकारिक तौर पर अधिसूचित की गई थी, इन नियमों का उल्लंघन कर रही है। परिणामस्वरूप, पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के तहत मामले का संज्ञान लिया जाना आवश्यक है’’।
उल्लेखनीय है कि ये प्रोजेक्ट मोहाली से विधायक एवं मोहाली के पूर्व महापौर कुलवंत सिंह से संबंधित है।