अधिक आवक बताकर मुआवजा देने की अपनी घोषणा से पल्ला झाडने की तैयारी
हरियाणा की मंडियों में सिर्फ प्रदेश का नहीं, पड़ोसी राज्यों से भी गेहूं पहुंच रहा
चंडीगढ़; अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष, उत्तराखंड की प्रभारी, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य कुमारी सैलजा ने कहा कि बारिश व ओलावृष्टि से फसल को हुए नुकसान का मुआवजा न देने के लिए भाजपा सरकार ने षड्यंत्र रचना शुरू कर दिया है। प्रदेश सरकार की मंशा मंडियों में अधिक आवक बताकर खराबे का मुआवजा देने की अपनी ही घोषणा से दूरी बनाने की है। जबकि, सच तो यह है कि हरियाणा की मंडियों में सिर्फ प्रदेश ही नहीं, बल्कि भाजपाइयों की मिलीभगत से पड़ोसी राज्यों का भी गेहूं पहुंचा है।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि मार्च में बर्बाद हुई फसलों का तुरंत मुआवजा देने के बजाए प्रदेश सरकार ने सोची-समझी साजिश के तहत अभी तक मुआवजा देने की कोई समय सीमा तय नहीं की। अप्रैल के मौजूदा महीने में कई जगह गिरदावरी फसल की कटाई के बाद हुई है। यानी, जिन किसानों ने फसल काट ली, उनके खेतों में नुकसान के बारे में सही रिपोर्ट सरकार तक नहीं पहुंचेगी। कितनी ही जगह की तो अभी तक रिपोर्ट भी तैयार नहीं की गई। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चर्चाएं शुरू हो चुकी हैं कि मंडी में बेचे गए गेहूं का मिलान नुकसान के ब्यौरे के साथ किया जाएगा, जबकि इस तरह का मिलान सही मायनों में हो ही नहीं सकता। कितने ही मामले ऐसे हैं, जब पोर्टल पर किसानों ने फसल को दर्ज नहीं कराया और वे भी मंडी में बेचने आए हैं। यही नहीं कितने ही किसान ऐसे हैं, जिन्होंने पोर्टल पर कम फसल चढ़वाई हो और बुआई अधिक की हो। ऐसे में मंडी में पहुंचे गेहूं के आधार पर नुकसान का आंकलन करना गलत है।
कुमारी सैलजा ने कहा कि सूचना तो यहां तक मिल रही है कि उत्तर प्रदेश के साथ लगते जिलों की मंडियों में पड़ोसी राज्यों का गेहूं भी खूब पहुंचा है। इसमें भाजपाइयों की मिलीभगत बताई जा रही है, ताकि एमएसपी पर बेचकर मुनाफा कमाया जा सके। ऐसे में इस गेहूं को प्रदेश के किसानों की आवक में जोड़ा जा रहा है, जबकि यह सरासर गलत है। किसानों को खराबे का मुआवजा कम से कम देना पड़े, इसलिए आवक बढ़ाने के उद्देश्य से भाजपा सरकार के इशारे पर ही हरियाणा की मंडियों में अन्य राज्यों से फसल पहुंची है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बीमा कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए प्रदेश सरकार हमेशा तत्पर रहती है। किसानों को उनके नुकसान की भरपाई की एवज में बीमा कंपनियों को अधिक राशि न जारी करनी पड़े, इसलिए तरह-तरह के हथकंडे गठबंधन सरकार अपना रही है। प्रदेश सरकार वास्तव में किसान हितैषी है तो किसानों ने फसल खराब होने को लेकर जो भी दावे किए हैं, उसके मुताबिक ही उनके नुकसान की भरपाई करवाए।