थिएटर फ़ार थिएटर द्वारा आयोजित 18th विंटर नेशनल 30 दिवसीय थिएटर फेस्टिवल के आठवें दिन रूबरू सेशन में वरिष्ठ रंगकर्मी एवं पंजाबी फिल्म एवं गीतों के जाने-माने चेहरे तेजभान गांधी जी ने शिरकत कर अपने चार दशक से भी ज्यादा के रंगमंच सफर के अनुभव साझा किये।
रंगमंच में अपने योगदान के लिए स्टेट अवार्ड से सम्मानित किये जा चुके श्री तेजभान गांधी जी ने बताया कि उन्होंने रंगमंच की गलियों में केवल 9 वर्ष की छोटी आयु में ही स्कूली स्तर पर कदम रख दिया था और रंगमंच ने जीवन में ऐसा प्रवेश किया की फिर रंगमंच से खुद को जुदा नहीं कर सके और स्कूली पढ़ाई के बाद भी उन्होंने चंडीगढ़ के चर्चित निर्देशकों के साथ रंगमंच करना जारी रखा । यहां तक की पंजाब यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई के दौरान भी थिएटर से अछूते नहीं रह सके और चार दशक से भी ज्यादा के अपने रंगमंच सफर में उन्होंने केवल बतौर अभिनेता ही नहीं बल्कि निर्देशक और मेकअप आर्टिस्ट के तौर पर भी सैकड़ो हजारों प्रस्तुतियों में भूमिका निभाई। उस दौरान श्री सुदेश शर्मा, अशोक सागर भगत, उमेश कांत और डॉ महेंद्र कुमार सरीखे निर्देशकों के सानिध्य में अपना हुनर तराशने का भरपूर मौका मिला।
देश के साथ-साथ अमेरिका, लंदन और कनाडा में भी अपने मजबूत अभिनय का लोहा मनवा चुके तेजगांधी जी ने बतौर अभिनेता एवं मेकअप आर्टिस्ट चेहरे , कोर्ट मार्शल , राजा नाहर सिंह , लोहा कुट, वह चार दिन, जिस लाहौर नी वेख्या , पेइंग गेस्ट, गाथा आनंदपुर साहिब की और नट सम्राट जैसे सैकड़ो नाटकों की हजारों प्रस्तुतियां दी।
साथ ही सांइ महिमा , ए सिप ऑफ लाइफ, शहीदे मोहब्बत , गुरमुख जैसी फिल्मों में सशक्त भूमिकाएं निभाई एवं साकिया डोम, जाए तो जाए कहां, एवं ढेर सारे माइम शो भी निर्देशित किये। छोटे पर्दे पर अभिनय की बात की जाए तो कल्लम कल्ला टपू, मिर्जा साहिबा, शिकंजा एवं प्रोफेसर मनी प्लांट में प्रमुख भूमिकाएं तेजपाल गांधी जी के हिस्से में आईं।
अपनी दमदार आवाज़ से विभिन्न किरदारों को नवाज़ चुके तेजभान गांधी जी ने अनेकों एनिमेशन फिल्मों में भी अपनी आवाज देकर किरदारों को जीवंत किया, जिसमें बंदा सिंह बहादुर, बोले सो निहाल, गुरु मान्य ग्रंथ, देसी रोमियो एवं ओम नमः शिवाय जैसी एनीमेशन फिल्में एवं लाइट एंड साउंड शो प्रमुख है।
रंगमंच को अपने जीवन का प्रयाय मान चुके तेजभान गांधी जी को अपने अमूल्य योगदान के लिए केवल देश में ही नहीं विदेशों में भी बहुत से सम्मानों से नवाजा जा चुका है, जिसमें 2016 में स्टेट अवार्ड, 2015 में एच.एस भट्टी मेमोरियल अवार्ड, एवं दिवंगत प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेई जी द्वारा बाल योगी ऑडिटोरियम में कला क्षेत्र में सम्मान, एवं संस्कार भारती द्वारा जबलपुर में एवं अमेरिका और लंदन जैसे देशों में एशियाई एंटरटेनमेंट एवं सिख संस्थाओं द्वारा भी तेजभान गांधी जी को अनेकों बार सम्मानित किया जा चुका है।
युवाओं को सलाह देते हुए गांधी जी ने बताया कि कला की किसी भी विधा में या जीवन के किसी भी क्षेत्र में आप जाना चाहते हैं बस संयम के साथ नियमित अभ्यास करते रहिए एक दिन आपको मंजिल जरूर मिलेगी।