गद्गद् हुये दक्षिण भारत की संस्कृति और विरासत का रसपान कर
चंडीगढ़: अपने राज्य गठन दिवस (1 नवंबर) की कड़ी में स्थानीय केरल समाजम ने अपने सदस्यों के सहयोग से सेक्टर 30 स्थित काम्युनिटी सेंटर में सांस्कृतिक कार्यक्रम और पारम्परिक भोज का आयोजन किया जिसमें लगभग एक हजार से भी अधिक लोगों ने कार्यक्रम का आनंद लिया प्रदेश के अनछुये पहलूओं से अवगत हुये।
केरल समाजम के अध्यक्ष अरविंदरक्षम पिल्लेई के अनुसार रविवार को केरल दिवस मनाने का उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों को इसका भागीदार बनाना था जिससे वे केरल राज्य की विस्तृत और समृद्ध विरासत, सभ्यता और संस्कृति से रुबरु हो सके।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यातिथि के रुप में आमंत्रित मेयर अनूप गुप्ता ने आयोजकों के इस प्रयासों प्रशंसा की और दक्षिण भारत को उत्तर भारत से जोड़ने के लिये केरल समाजम के इस प्रयास का सार्थक बताया। इस दौरान चंडीगढ़ स्थित इंकम टेक्स कमीश्नर एन जय शंकर (आईआरएस) और श्रृषि राज सिंह (आईपीएस केरल काडर) भी वशिष्ट अतिथि के रुप में आये। भारत मंडपम में जी20 के विदेशी प्रतिनिधियों के समक्ष अपनी प्रस्तुति दे चुके विष्णु प्रियम नाट्यम के साठ कलाकारो ंने लगभग दो घंटों की सांस्कृतिक कार्यक्रम से खूब तालियां बटोरी।
इन सांस्कृतिक कार्यक्रम में पौराणिक नाट्य मंचन से लेकर माडर्न फियुजन डांस शामिल थे। कथकल्ली के साथ साथ ओटांतुलाल, ओपन्ना, मरगम कली, थिरुवथावादरा आदि लोक नृत्यों ने समां बांधां। इसके पश्चात आयोजको द्वारा आये लोगों को पारम्परिक केरल भोज केले के पत्तों पर परोसा गया जिसमें स्थानीय भात के साथ सांबर, रसम, कालन, पचरी, अवियल, ओलन, तोरन, पल पायसन, प्रदमन आदि अन्य 16 व्यंजन परोसे गये। यह व्यंजना एलेप्पी से आमंत्रित शैफ द्वारा स्थानीय सदस्यों की मदद से बनाये गये थे।
केरल समाजम ने कार्यक्रम पर संतुष्टता व्यक्त करते हुये स्थानीय लोगों के लिये ऐसे आयोजन का भरोसा दिलाया।