परमजीत व साथी जान बूझ कर श्री अकाल तख्त का हुक्म न मान कर ,खुद को सिरमौर मान कर लालच में डूबे हैं
चंडीगढ़: 16 अक्टूबर को श्री अकाल तख्त साहिब के फैसले के बाद परमजीत , जोगिंदर सिंह व कमलप्रीत सिंह को अयोग्य करार देने पर भी इनका 2007 से गुप्त रूप से चल रहा गुरुद्वारा सिंह सभा दसूहा को आपसी फायदे के लिए नियंत्रण में लेने के लालच में कोई कमी नहीं आयी ,और एक सप्ताह पहले इन्होंने प्रेस कांफ्रेंस करके लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को भी भृमित करने की कोशिश की , परमजीत सिंह के भाई करनैल सिंह ने गुप्त रूप से 2007में एक एन जीओ रेजिस्टर करवा कर गुप्त रूप से गुरुद्वारा सिंह सभा दसूहा का प्रबंधन अपने हाथों में ले लिया ,जिसकी जानकारी संगत को 2014 में प्राप्त हुई ,और अब जब श्री अकाल तख्त साहिब ने संगत के हक में फैसला सुनाया है तो परमजीत सिंह व उनके साथी इस पर भी राजनीति करने लगे हैं ।
लोकतंत्र के पहरेदारों से विनती है कि आम संगत की बनी कमेटी जो शुरू से ही गुरद्वारे का प्रबधन करती आई है व जिसमें इलाके के ही सभी आम संगत के लोग हैं ,व जिन्होंने रजिस्ट्रार कोऑपरेटिव सोसायटी को भी संगत की ओर से इनकी शिकायत देनी है ,को गुरुद्वारा प्रबन्धन का श्री अकाल तख्त साहिब के हुक्म अनुसार सुचारू रूप से चलाने में मदद करें ताकि समाज के दुश्मन निजी फायदों के लिये गुरुद्वारा साहिब में श्री अकाल तख्त के हुक्मों अनुसार कोई दखल न दे पाए ।
आज प्रेस क्लब में दविंदर सिंह , जसविंदर सिंह, लकी सिंह, कुलवंत सिंह, सुरजीत सिंह, यादविंदर सिंह , दर्शन सिंह, सुखराज सिंह ,जसवीर सिंह आदि मौजूद रहे।